आशुतोष डिमरी/प्रकाश चंद्र डिमरी
देहरादून/गोपेश्वर। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट भारत के चार धामों में से सर्वश्रेष्ठ धाम श्री बदरीनाथ का मास्टर प्लान भी केदारनाथ की तर्ज पर डेवलप करने की कवायद तेज होने लग गई है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के काम को तेजी से अंजाम देने के निर्देश दिए हैं यही वजह है कि शासन स्तर से लेकर जिला स्तर तक बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान को लेकर अब कवायद तेज होने लग गई है हाल ही में उत्तराखंड के पर्यटन व धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने दिल्ली में भारत सरकार द्वारा आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में बद्रीनाथ मास्टर प्लान को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से प्रेजेंटेशन दिया था। जावलकर के इस प्रेजेंटेशन के बाद भारत सरकार से बद्रीनाथ मास्टर प्लान के लिए 100 करोड़ रुपए शुरुआती दौर में स्वीकृत कर दिए गए हैं। हालांकि पहले से ही बद्रीनाथ मास्टर प्लान के लिए करीब ढाई सौ करोड़ स्वीकृत है। उत्तराखंड शासन के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि पहले चरण में बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के तहत एप्रोच रोड व अन्य कामों को शुरू किया जाएगा। यह सभी काम सिंहद्वार के बाहर व बद्री पुरी में होंगे। जबकि दूसरे चरण में चिन्हित एरिया के अधिग्रहण व विस्थापन को लेकर काम होगा। सचिव पर्यटन का कहना है कि बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के सभी काम वहां के वाशिंदों के साथ राय मशवरे के बाद ही शुरू किए जाएंगे। हालांकि अभी स्वीकृत धनराशि से पहले चरण का काम शुरू किया जाएगा। इसी सिलसिले में
आज बद्रीनाथ धाम में प्रस्तावित निर्माण कार्यो को लेकर चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने लाल बाजार स्थित एचसीसी कार्यालय मे आईएनआई कंपनी के कन्सल्टेंट एवं संबधित जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें ब्रदीनाथ धाम में प्रभावित होने वाली परिसंपत्तियों और उनको विस्थापन को लेकर गहन से चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने आईएनआई डिजायन कंपनी के कन्सल्टेंट को नगर पंचायत, जल संस्थान, जल निगम, विद्युत, सिंचाई, बीएसएनएल, नमामि गंगे आदि विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बैठक करते हुए बद्रीनाथ में मौजूदा विभागीय परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी लेने तथा मास्टर प्लान में विभागीय जरूरतों को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बद्रीनाथ में हाइड्रोलाॅजिकल सर्वे भी कराई गई है। उन्होंने आईएनआई डिजायन कंपनी के कन्सल्टेंट को रविवार से सभी संबधित विभागों के साथ अलग अलग बैठक करते हुए मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित कार्यो पर चर्चा करने तथा इसका फीडबैक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।