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मणिपुर में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हुई, 34 लोगों की अभी भी तलाश जारी

गुवाहाटी: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 29 पहुचीं गई है. जिसमें मजदूरों सहित 9 नागरिक शामिल है. वही, इस हादसे में शामिल मृतकों में 20 प्रादेशिक सेना के जवान हैं. जानकारी के आनुसार इस हादसे में दो सुरक्षाकर्मियों सहित असम के आठ लोगों की भी मौत हो गई है. जिसके बाद असम के कैबिनेट मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि शवों को हवाई मार्ग से असम ले जाया जाएगा और असम सरकार इसके लिए सभी आवश्यक इंतजाम करेगी. उन्होंने कहा कि घायलों को भी वापस असम ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाएगी.

जानकारी के अनुसार मणिपुर के नोनी जिले में हुए इस हादसे में 34 लोग अब भी लापता है और अब तक यहां अब तक 18 लोगों को जिंदा बरामद किया जा चुका है. शनिवार सुबह टुपुल पहुंचे हजारिका ने कहा कि यह एक अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. राहत एवं बचाव अभियान जोरों पर है. मंत्री ने कहा कि घटनास्थल का दौरा करने के बाद वह असम से संबंध रखने वाले घायलों से अस्पताल में मुलाकात करेंगे. इस बीच, मोरीगांव के उपायुक्त पी. आर. घरफालिया ने बताया कि जिले के चार लोगों के शव शुक्रवार को बरामद किए गए और उनकी पहचान की गई, जबकि एक की पहचान एक दिन पहले की गई थी.

उन्होंने कहा कि अब तक मोरीगांव के पांच लोगों के भूस्खलन में मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इस जिले से उसी जगह पर काम कर रहे कई अन्य लोग अब भी लापता हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को मोरीगांव जिले के 22 नामों की एक सूची साझा की थी जो रेलवे निर्माण स्थल पर लगे थे. इनमें से पांच को बचा लिया गया, पांच की मौत की पुष्टि हो गई है और 12 अन्य का पता लगाया जाना बाकी है. भूस्खलन में मारे गए बजली जिले के रहने वाले सेना के जवान के पार्थिव शरीर को मणिपुर से विशेष विमान से राज्य लाया गया और उसके गांव ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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